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श्री सत्यनारायण का व्रत / Shree Satyanarayana vrat karha
केवल यही एकमात्र ऐसा व्रत है, जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, स्त्री-पुरुष तथा अविवाहित कन्या आदि सभी प्रकार के मनुष्यों को समान अधिकार प्राप्त है। इस व्रत को करने वाला पूर्णिमा, अमावस्या, दशमी अथवा संक्रांति, जिस दिन भी वो चाहे सायंकाल में स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठकर आचमन लें और श्रीगणेश,… Continue reading श्री सत्यनारायण का व्रत / Shree Satyanarayana vrat karha
पौष पूर्णिमा स्नान/Paush Purnima vrat
पौष माह की पूर्णिमा से माघ मास का पवित्र स्नान का शुभारंभ होता है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व नदी, तालाब, कुआं आदि के जल से स्नान करते हैं। इसके बाद भगवान वासुदेव की पूजा की जाती है। पूजा समाप्ति के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देकर विदा करते हैं। इससे भगवान वासुदेव प्रसन्न… Continue reading पौष पूर्णिमा स्नान/Paush Purnima vrat
चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जयंती)Chaitra Purnima / Hanuman Jayanti
प्रायः प्रत्येक मास की पूर्णिमा तिथि पवित्र ही मानी जाती है। इस दिन स्त्री, पुरुष, बाल, वृद्ध पवित्र नदियों में स्नान कर अपने को पवित्र बनाते हैं तथा दान आदि करके विशेष फल की प्राप्ति करते हैं। इस दिन घरों में स्त्रियां भगवान लक्ष्मी नारायण को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखती हैं और प्रभु… Continue reading चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जयंती)Chaitra Purnima / Hanuman Jayanti
कामदा एकादशी/Kamada Ekadashi vrat katha
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। इस दिन के व्रत का बड़ा माहात्म्य है। कथा : प्राचीन समय में पुण्डरीक नामक एक राजा नागलोक में राज्य करता था। उसका दरबार सदा किन्नरों व गंधर्वो से भरा रहता था। एक बार ललित नामक गंधर्व उसकी सभा में नृत्य गान कर… Continue reading कामदा एकादशी/Kamada Ekadashi vrat katha
गनगौर व्रत /कथा/विधि / Gangaur Vrat
यह व्रत चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस दिन सौभाग्यशाली स्त्रियां व्रत रखती हैं। किंवदंती है कि इसी दिन भगवान शंकर ने अपनी अर्द्धांगिनी पार्वती को तथा पार्वती ने अन्य स्त्रियों को सौभाग्यवती रहने का वरदान दिया था। इस दिन पूजन के समय रेणुका की गौर बनाकर उस पर… Continue reading गनगौर व्रत /कथा/विधि / Gangaur Vrat
शंकर जी की आरती | सोलह सोमवार आरती | solah somvar Aarti
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे । तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय अक्षयमाला वनमाला मुण्ड माला धारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥ ॐ… Continue reading शंकर जी की आरती | सोलह सोमवार आरती | solah somvar Aarti
हनुमान जी की आरती | Mangalvar aarti | tuesday’s Aarti
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके ॥ अंजनी पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥ दे बीरा रघुनाथ पठाये। लंका जारि सिया सुधि लाये ॥ लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ॥… Continue reading हनुमान जी की आरती | Mangalvar aarti | tuesday’s Aarti
solah somvar fast
कथा : विदर्भ देश के अंतर्गत अमरावती नाम की अतीव रमणीक नगरी अमरपुरी में वहां के महाराज ने शिवजी का एक सुवर्ण का सुंदर मंदिर बनवाया था। उस मंदिर में भगवान शंकर भगवती पार्वती के साथ सदा निवास करते थे।उस मंदिर का पुजारी बड़ी नीच प्रकृति का था। मंदिर में जो… Continue reading solah somvar fast
Story of Tuesday and Mangalia
एक बुढ़िया थी, वह मंगल देवता को अपना इष्ट देवता मानकर सदैव मंगल का व्रत रखती और मंगलदेव का पूजन किया करती थी। उसका एक पुत्र था, जो मंगलवार को उत्पन्न हुआ था। इस कारण उसको मंगलिया के नाम से बोला करती थी। वह मंगलदेव के दिन न तो… Continue reading Story of Tuesday and Mangalia