जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे । तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय अक्षयमाला वनमाला मुण्ड माला धारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥ ॐ… Continue reading शंकर जी की आरती | सोलह सोमवार आरती | solah somvar Aarti